Jatinga Valley: यह जगह पक्षियों के लिए भयावह, चौकाने वाली है वजह

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Jatinga Valley: अक्सर पहाड़ों में या किसी मशहूर जगह जब आप घूमने गए होंगे, तब आपने जरूर ही लवर्स प्वाइंट घुमा होगा, कहीं – कहीं अपने सनराइज प्वाइंट या सनसेट प्वाइंट भी घुमा होगा लेकिन आपको बता दें कुछ जगहें सुसाइड प्वाइंट के नाम से भी मशहूर होती हैं। ये उन जगहों को कहा जाता है, जहां लोग अपनी जान गंवा देते हैं या उन जगहों पर किसी का एक्सीडेंट हो जाता है या तो कोई खुद ही जिंदगी से हार मान लेता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे जहां लाखों की संख्या में पक्षियां आकार सुसाइड कर लेती हैं। जी हां! ये बिलकुल सच है, तो आइए जानते हैं कि आखिर क्यों और कहां पक्षियां सुसाइड करती हैं।

दक्षिणी असम के दिमा हासो जिले की पहाड़ी घाटी में स्थित जटिंगा एक ऐसा गांव है, जो अपनी प्राकृतिक अवस्था के कारण साल में करीब 9 महीने तक बाहरी दुनिया से अलग रहता है लेकिन सितंबर महीने की शुरुआत से ही इस गांव से चौका देने वाली खबरों का सिलसिला शुरू हो जाता है। दरअसल, यहां आकर पक्षी सुसाइड यानी आत्महत्या कर लेते हैं।

Jatinga Valley में लग जाता है नाइट कर्फ्यू

आपको बता दें सितंबर के बाद इस घाटी के आस-पास तय समय के बाद नाइट कर्फ्यू लगा दिए जाते हैं। दरअसल, अक्टूबर से नवंबर तक कृष्णपक्ष की रातों में यहां बेहद अजीबोगरीब घटना घटती है। शाम के सात बजे से लेकर रात के दस-साढ़े दस बजे के बीच यदि आसमान में धुंध छा जाए और हवा की रफ्तार तेज हो जाए और कहीं से कोई रोशनी कर दे तो चिड़ियों की हालत खराब हो जाती है। चिड़ियों का झुंड कीट-पतंगों की तरह रोशनी के स्त्रोत के कारण गिरने लग जाता हैं। यहां आत्महत्या करने वालों में स्थानीय और प्रवासी चिड़ियों की करीब 40 प्रजातियां शामिल रहती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस जगह पर यदि बाहरी अप्रवासी पक्षी आ जाते हैं तो वापस नहीं लौटते हैं। इन कारणों के कारण इस वैली में रात में एंट्री पर प्रतिबंध भी लगा हुआ है।

क्या है सुसाइड की वजह

Jatinga Valley में काफी बारिश होती है और बेहद ऊंचाई पर स्थित होने और पहाड़ों से घिरे होने के कारण यहां बादल और बेहद गहरी धुंध छाया हुआ रहता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि तेज बारिश के दौरान पक्षी पूरी तरह से गीले हो चुके होते हैं, ऐसे में जब वे उड़ने की कोशिश करते हैं तो प्राकृतिक रूप से उनके उड़ने की क्षमता खत्म हो चुकी होती है। यहां बांस के बेहद घने और कटीले जंगल भी हैं, जिनकी वजह से गहरी धुंध और अंधेरी रातों के दौरान पक्षी इनसे टकराकर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। ज्यादातर दुर्घटनाएं देर शाम होती हैं क्योंकि उस समय पक्षी झुंड में अपने घरों की ओर लौट रहे होते हैं।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

कई वैज्ञानिकों का कहना है कि पशु-पक्षी सुसाइड नहीं करते हैं, वे ज्यादातर झुंड में होते हैं और इसी कारण एक साथ ही किसी भी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। वहीं, कुछ वैज्ञानिक तर्क देते हैं कि जानवरों के दिमाग को ठीक से समझा नहीं जा सकता है, ऐसे में इस खूबसूरत घाटी में पक्षियों के सुसाइड के रहस्य को सुलझा पाना कोई आसान बात नहीं है।

हरियाली के बीच बसा है ये गांव

Jatinga Valley से लगभग 18 किमी दूर, संपरिदिसा इको-टूरिज्म विलेज असम के सबसे साफ-सुथरे गांवों में से एक के रूप में जाना जाता है। यह प्रकृति की गोद में बसा कुछ हद तक अनदेखा पर्यटक आकर्षण माना जाता है। इस गांव में तीन जल प्रपातों की एक शानदार श्रृंखला है, जिनमें से बेंडाओ बगलाई झरना सबसे ऊंचे और सबसे खूबसूरत झरनों में से एक है जो हरे-भरे हरियाली के बीच बसा है। यहां की सबसे अच्छी बात है कि यह गांव प्लास्टिक मुक्त है।

कैसे जाएं Jatinga Valley

यदि आपको Jatinga Valley आना है, तो पहले आपको गुवाहाटी आना होगा, इसके बाद गुवाहाटी से जटिंगा लगभग 330 किमी दूरी पर स्थित है, गुवाहाटी से हाफलोंग के लिए बस और ट्रेन सेवा चलती है।

Read Also: भारत का सबसे स्वच्छ गांव, लोग यहां खुद से बनाते हैं खाद

Shalu Chowdhary
Shalu Chowdharyhttps://www.janloktimes.com/
नमस्ते! मेरा नाम शालू चौधरी है। मुझे मेरे मातृ भाषा हिंदी से बेहद लगाव है और इसी कारण मैं इस क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही हूं। मैं Janlok Times के माध्यम से आप लोगों के लिए आर्टिकल लिखती हूं।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles