Credit; Gitty Images

    क्या है मांग बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरक्षण का दायरा 50 फ़ीसदी से बढ़कर 65 फ़ीसदी करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

Credit: Gitty Images

   हाई कोर्ट में मांग ख़ारिज  आरक्षण को बढ़ाने के बिहार सरकार के फैसले को पटना हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था, वकील मनीष सिंह के माध्यम से अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

Credit: Gitty Images

   आरक्षित जाति को फ़ायदा   बिहार सरकार पिछले वर्ष दलितों, पिछड़े वर्गों और आदिवासियों के लिए सरकारी नौकरियों तथा शिक्षण संस्थानों में आरक्षण 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत किए जाने के फैसला किया था, जिसे HC ने रद्द कर दिया।

Credit: Gitty Images

OBC को मिलते 18% सीट पिछले वर्ष एक प्रस्ताव में बिहार सरकार ने कोटा सीमा को बढ़ाने का निर्णय लिया जिसके तहत 2% ST, EWS के लिए 25% और OBC के लिए 15% सीट रिजर्व किया जाना था।

Credit: Gitty Images

     HC में मिली चुनौती   जब बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ ने बिहार सरकार द्वारा पारित विधेयक को पास कर दिया तब 27 नवंबर 2023 को पटना उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई जिसमें बिहार सरकार के इस फैसले को चुनौती दी गई।

Credit: Gitty Images

  भाजपा का समर्थन जिस वक्त उच्च न्यायालय में बिहार सरकार को चुनौती दी गई उसी वक्त नीतीश कुमार अपनी सरकार बड़ी मुश्किल से चला रहे थे लेकिन उन्हें भाजपा का समर्थन प्राप्त था जिसने उन्हें हिम्मत दी।

Credit: Gitty Images

 नीतीश जायेंगे SC कई सारी बैठकों के बाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाया और कोटा वृद्धि संबंधी अधिसूचना को रद्द किया इसके बाद बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।