आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ा और इंडिया गठबंधन के तहत दोनों ही पार्टियों को दिल्ली में करारी हार का सामना करना पड़ा। यहां दोनों के खाते में शून्य सीटें आई।
अपने-अपने दम पर लड़ा जाएगा हरियाणा का चुनाव
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन दिल्ली में बिल्कुल ही नहीं चला। यहां आम आदमी पार्टी को कांग्रेस की तरफ से चार लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए कहा गया तो वहीं आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को तीन लोकसभा सीटें चुनाव लड़ने के लिए दी। लेकिन सातों सीटों पर दोनों ने करारी हार का सामना किया। अब हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी ने अलग चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया है। आप के हरियाणा से प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग टांडा ने कहा है कि यहां आम आदमी पार्टी अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। बात अगर गठबंधन की की जाए तो आप और कांग्रेस का लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन हुआ था।
हरियाणा में कांग्रेस का खुला खाता
कांग्रेस पार्टी ने आम आदमी पार्टी के साथ में मिलकर लोकसभा का चुनाव हरियाणा में लड़ा। यहां कांग्रेस को एक कामयाबी मिली। जहां 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का खाता तक नहीं खुला था वहां कांग्रेस को अब पांच लोकसभा सीटों पर जीत हासिल हुई है। वहीं अगर बीजेपी की बात की जाए तो पिछली बार बीजेपी ने 10 लोकसभा सीटों को जीतने का काम किया था लेकिन अबकी बार उसका खाता पांच पर ही खुला। आम आदमी पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ किसी भी तरीके का गठबंधन नहीं किया जाएगा। यहां अकेले अपने दम पर आप विधानसभा का चुनाव लड़ेगी।