राजनीति: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी लंबे समय से बिहार को एक विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक नाकामयाब रहें। इस बात से नकारा नहीं जा सकता कि यदि एनडीए की सरकार बनी है तो उसमें JDU यानी नीतीश कुमार की पार्टी का बहुत बड़ा योगदान है लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि भाजपा सरकार जेडीयू के इस एहसान को भूल चुकी है। दरअसल केंद्र सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को खारिज कर दिया है। तो चलिए पूरे विस्तार से आपको यह खबर देते हैं।
हाईलाइट
नीतीश कुमार ने व्यक्त की प्रतिक्रिया
लोकसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार की पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में विशेष राज्य के दर्जे की मांग को दोहराई थी हालांकि केंद्र सरकार ने सोमवार को इसे अस्वीकार कर दिया। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने का मामला नहीं बनता था। तो वही बिहार विधानसभा के बाहर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि “सब कुछ धीरे-धीरे जान जाएगा।”
लालू यादव ने की इस्तीफा की मांग
लालू यादव की पार्टी के नेतृत्व में विपक्ष ने नीतीश कुमार की आलोचना की और उनसे इस्तीफा की मांग की है। लालू यादव ने कहा ऐसा प्रतीत होता है कि नीतीश कुमार ने सत्ता के लिए बिहार के आकांक्षाओं और लोगों के विश्वास के साथ समझौता कर लिया है उन्होंने बिहार को विशेष दर्जा दिलाने का वादा किया था लेकिन अब जबकि केंद्र ने इसे अस्वीकार कर दिया है तो अब नीतीश कुमार को चुपचाप इस्तीफा दे देना चाहिए।
विशेष दर्जा बिहार के विकास मे सहायक
आपको बता दे कि नीतीश कुमार सन 2000 से ही बिहार के लिए विशेष दर्जे की वकालत कर रहे हैं जब खनिज समृद्धि क्षेत्र को अलग करके झारखंड बनाया गया था तब से बिहार को एक विशेष राज्य देने की मांग चल रही है। विशेष दर्जा मिलने से अविकसित राज्यों को विकास करने और दूसरे के बराबर आने में मदद करने के लिए अधिक केंद्रीय सहायता मिलती है और इसी का लाभ बिहार भी उठाना चाहता है।
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