Kargil Vijay Diwas 2024: कारगिल युद्ध को खत्म हुए 25 साल हो गए हैं। लेकिन भारत आज भी कारगिल युद्ध में अपनी जान गवाने वाले जवानों की कुर्बानी को याद करता है। 3 मई 1999 को शुरू हुआ कारगिल युद्ध 2 महीने 3 सप्ताह 2 दिन तक चला, भारत के जांबाज सिपाहियों ने 26 जुलाई को पाकिस्तान को हराकर जीत हासिल की थी उस दिन को ही कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिस युद्ध को जितना पूरी दुनिया ने संभव मान लिया हो उसे महज 83 दिनों में भारतीय सेवा के जाबाजों ने संभव कर दिखाया था। तो चलिए कारगिल विजय दिवस के इस अवसर पर हम आपको जाबांज वीरों की गाथा बताते हैं।
हाईलाइट
भारत पाकिस्तान विभाजन से शुरु हुई कहानी
जब भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ तब से लेकर इन दोनों देशों के बीच संघर्ष जारी था इसी संघर्ष के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच कई युद्ध हुए जिनमें से एक था कारगिल युद्ध। भारत पाकिस्तान के बीच की दूरियों और उनके बीच के युद्धों को समाप्त करने के लिए ही फरवरी 1999 में शांतिपूर्ण समाधान का वादा करते हुए दोनों देशों के बीच हस्ताक्षर किए गए और कश्मीर भारत के हिस्से में आ गया हालांकि इसके बाद भी भारतीय क्षेत्र में पाकिस्तानी घुसपैठ रुकी नहीं लगातार बढ़ती ही गई।
कारगिल की चोटी पर बैठे थे पाकिस्तानी
3 मई 1999 को भारतीय सेवा को जानकारी मिली की कारगिल में हरकतें शुरू हो गई हैं। एक स्थानीय चरवाहे ने भारतीय सैनिकों को यह जानकारी दी थी की कुछ लोगों को कारगिल की ऊंची चोटी पर देखा गया है। 8 मई 1999 से भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध की शुरुआत हो गई इस युद्ध में तकरीबन दो लाख भारतीय सैनिकों ने हिस्सा लिया था और यह युद्ध 83 दिनों तक चला।
527 सैनिक शहीद हुए थे
आपको बता दे की कारगिल को घुसपैठियों से मुक्त करने के लिए भारतीय सेना के द्वारा एक ऑपरेशन चलाया गया था जिसका नाम विजय था। 14 जुलाई 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने इस ऑपरेशन विजय की सफलता की घोषणा कर दी थी और आखिरकार 26 जुलाई 1999 के दिन आधिकारिक रूप से कारगिल युद्ध समाप्त हुआ और भारत की जीत की विजय गाथा हर ओर फैल गई। 83 दिनों तक चले इस युद्ध में 527 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे जिनमें से एक कैप्टन विक्रम बत्रा भी शामिल थे जिन पर हाल ही में फिल्म भी बनाई गई थी।
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