UP: बांग्लादेश में इस वक्त हालात काफी खराब है। यहां सरकार के विरोध में लगातार छात्र सड़कों पर उतरे हुए हैं और जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है।
हाईलाइट
शेख हसीना ने 57 मुस्लिम देशों से क्यों नहीं मांगी शरण
बांग्लादेश में सरकार का तख्तापलट हो चुका है। यहां छात्र मौजूदा सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे और उन्होंने जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान 300 से ज्यादा छात्रों की मौत हो गई जबकि कई पुलिसकर्मी भी इस हिंसा में मौत की आगोश में समा गए और सैकड़ो छात्र इस घटना में घायल भी हुए हैं। सरकार के तख्तापलट होने के बाद बांग्लादेश की मुख्यमंत्री शेख हसीना अपने देश को छोड़कर भारत में आ गई है। उन्होंने अभी भारत की शरण ली हुई है। शेख हसीना की भारत आने पर जनसत्ता दल के कुंडा विधानसभा सीट से विधायक राजा भैया ने एक बयान दिया है। उन्होंने x का सहारा लेकर लिखा है कि बांग्लादेश की स्थिति से मन बहुत उद्विग्न है, छात्र आन्दोलन के नाम पर आतंकवाद, आगजनी, हत्या, बलात्कार, लूटपाट क्यूँ? तख़्तापलट तो हो गया अब हिंसा किस लिये? हिन्दुओं की हत्यायें हो रही हैं, मन्दिर जलाये जा रहे हैं। अन्तरिम सरकार और बाँग्लादेशी सेना अविलम्ब प्रभावी क़दम उठाये। भारतीयों को सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित करे और हाँ, विश्व में 57 मुस्लिम देश हैं शेख़ हसीना ने वहाँ ना तो शरण माँगी ना किसी देश ने शरण दी, ऐसा क्यूँ? सोचियेगा अवश्य…
बांग्लादेश में हिंदू समाज के लोगों को बनाया जा रहा निशान
बांग्लादेश में सरकारी नौकरी के आरक्षण को लेकर शुरू हुई हिंसा के बाद देश में सरकार का तख्तापलट हो गया है। इस दौरान अभी भी बांग्लादेश में हिंसा और प्रदर्शन देखने को मिलते हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में हिंदू परिवार के लोगों को निशाना बनाने का काम किया जा रहा है। यहां उनके मंदिरों पर तोड़फोड़ की जा रही है तो वहीं उनके ऊपर अत्याचार हो रहे हैं। बांग्लादेश की न्यूज वेबसाइट डेली स्टार के मुताबिक 2022 में बांग्लादेश की आबादी साढ़े सोलह करोड़ से कुछ ज्यादा थी। इसमें 7.95 फीसदी लोग हिंदू समुदाय के हैं। जो कि देश में दूसरे नंबर पर आते हैं। इन्हें अल्पसंख्यक कैटेगरी में लिया जाता है। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर कई बड़े राजनीतिक नेता भी अवतार आए हैं और यही मांग कर रहे हैं कि बांग्लादेश में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वतन वापस लाया जाए।
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