Wellhealth Ayurved Health Tips: चिलचिलाती गर्मी का समय अब समाप्त होने के कगार पर है और सभी को मानसून का इंतजार है। मानसून यानी बरसात का मौसम। मानसून के आने से गर्मी तो चली जाती है लेकिन कई सारी बीमारियां इस मौसम में आ जाती हैं। इन्हीं बीमारियों से बचने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है।
अक्सर हम मानसून में छोटी-छोटी बातों का ध्यान नहीं रखते जिसके कारण सर्दी, बुखार, खांसी, डायरिया, टायफाइड जैसी समस्याएं देखने को मिलती है। तो चलिए आज हम आपको Ayurved के कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताएंगे कि जिससे आप अपने और अपने परिवार का इस मानसून के मौसम में खास ख्याल रख सकते हैं।
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मानसून है बिमारियों का सीज़न
मानसून अपने साथ बरसात लेकर आता है लेकिन इस बात से भी नहीं नकारा जा सकता कि अपने साथ बरसात के अलावा बीमारियां भी लेकर आता है। Ayurved के अनुसार मानसून के दौरान शरीर में, वात और पित्त दोष बढ़ जाते हैं और इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। इस मौसम में कई तरह के कीटाणु और जीवाणु अपने शरीर में प्रवेश कर शरीर को बीमार कर सकते हैं।
बारिश के मौसम में सर्दी जुकाम फूड प्वाइजनिंग डेंगू मलेरिया टाइफाइड हेपेटाइटिस ए जैसी बीमारियां होने का खतरा रहता है। इसके अलावा इस सीजन में पाचन शक्ति पर भी काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण शरीर बीमारियों की चपेट में जल्द से जल्द आ जाता है। लेकिन कुछ Ayurved उपाय का पालन कर मानसून में होने वाले इन सभी समस्याओं से आसानी से बचा जा सकता है।
डाइट का रखें खास ख्याल
बारिश के मौसम में चाय पकौड़े खाना सभी को काफी पसंद होता है लेकिन मानसून में ज्यादा तला भुना खाने से आपका पेट खराब हो सकता है। वैसे ही इस मौसम में इम्यूनिटी काफी कमजोर होती है उस पर तला हुआ खाने से आपको पेट से जुड़ी समस्याएं होने का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए मानसून के दौरान तला हुआ या भुना हुआ खाना खाने से परहेज करना चाहिए Ayurved के अनुसार मानसून के दौरान हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन ही खाना चाहिए इस मौसम में लौकी, कद्दू, भिंडी, मूंग की दाल और जौ का सेवन करना काफी लाभदायक हो सकता है।
काढ़ा का नियमित रूप से करें उपयोग
मानसून के दौरान सर्दी जुकाम जैसी बीमारियां तुरंत हो जाती हैं। जिन लोगों को साइनस या माइग्रेशन की शिकायत है या जिन्हें आसानी से सर्दी जुकाम जैसी बीमारियां हो जाती हैं उन्हें नियमित रूप से काढ़ा का सेवन करना चाहिए। इसके लिए एक कप पानी में तुलसी के पत्ते, दो तीन काली मिर्च, लौंग और अदरक का टुकड़ा डालकर इसे उबाल ले। अंत में इसमें शहद मिलाकर पिए इस सर्दी जुकाम और गले के संक्रमण से बचाव होगा।
हरी सब्जियां खाएं
बरसात के दिनों में भोजन जितना सिंपल हो सके उतना सिंपल खाना चाहिए। हरी सब्जियों का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए। इसके अलावा बाहर खाने से बचना चाहिए और जहां तक हो सके घर पर ही ताजा खाना बनाकर उसका सेवन करने की कोशिश करनी चाहिए। स्ट्रीट फूड शरीर के लिए काफी नुकसानदायक होता है एक तो बरसात के समय में इम्यूनिटी काफी कमजोर होती है उस पर यदि तला हुआ या स्ट्रीट फूड का सेवन करेंगे तो पेट से जुड़ी समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है साथ ही डायरिया और टाइफाइड जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं।
प्राणायाम करें
चाहे गर्मी हो, बरसात हो या फिर ठंड का मौसम हो प्राणायाम या एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है। एक स्वस्थ जीवन शैली केवल खाने से नहीं आती नियमित प्राणायाम करने और मानसिक Health को ठीक रखने से जीवन शैली में काफी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। बरसात के समय में यदि नियमित प्राणायाम करते हैं तो सर्दी जुखाम बुखार जैसी बीमारियों से बच सकते हैं।
मच्छरों से बचना चाहिए
सर्दी जुकाम है तो हम काढ़ा पीकर या अदरक का सेवन कर खुद को ठीक रख सकते हैं लेकिन इस मौसम में बीमारी के साथ-साथ मच्छरों के द्वारा होने वाली बीमारियों का खतरा भी बढ़ने लगता है। इस मौसम में मच्छर सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं कोशिश करना चाहिए कि मच्छरों को काटने ना दें क्योंकि इससे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, जीका वायरस जैसी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
मानसून उनके प्रजनन और वृद्धि का समय है क्योंकि मच्छर फिर पानी में अंडे देते हैं और फिर वहां से उनकी तादाद बढ़ने लगती है। इसलिए इस बात का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है कि मच्छरों से भी खुद का बचाव करें।
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